सनसनी सुराग न्यूज
विशाल भटनागर/डॉ0 रणवीर सिंह वर्मा
कैराना जनपद शामली
कैराना। जनपद मुजफ्फरनगर से अलग कर शामली को जनपद बनाया गया था,लेकिन जनपद बनाने के बाद भी कैराना को जिला कोर्ट नहीं मिल पाई थी। जिला कोर्ट के कैराना बनाए जाने की मांग कैराना स्थित कचहरी के अधिवक्ता समय-समय पर कर रहे थे। बताते चले कि जनपद शामली का गठन 28 सितंबर 2011 को हुआ था लेकिन कैराना के अधिवक्ताओं की मांग करने के लगभग 7 वर्ष बाद कैराना के अधिवक्ताओं के अथक प्रयास से 13 अगस्त 2018 को जनपद एवं सत्र न्यायालय ने कैराना में कार्य शुरू किया था। वही मंगलवार काे प्रथम वर्षगांठ पर कैराना स्थित कचहरी में हर्ष का माहौल देखने काे मिला। इसी क्रम में कैराना के बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चौधरी खड़क सिंह चौहान के चेंबर नंबर 15 पर अधिवक्ता एकत्र हुये आेर जिसके बाद दीप प्रज्वलित कर ,केक काटकर खुशी मनाई गई। इस माैके पर पूर्व अध्यक्ष चौधरी खड़क सिंह चौहान ने बताया कि उत्तर प्रदेश का पहले नाम अवध प्रात: था और अवध प्रात: की सबसे पुरानी 8 स्थान की मुंसिफी में से कैराना एक है,उन्होंने बताया कि पिछले 130 वर्ष से कैराना में न्यायिक कार्य हो रहा है। एक से एक विद्वान अधिवक्ता ने कैराना में विधि व्यवसाय किया है और कर रहे हैं। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता रियासत अली ने बताया कि मुंसिफी कैराना की अपील पहले जिला जज मेरठ के यहां होती थी जो अब कैराना में ही हो रही है। वही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राम कुमार शर्मा व पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी व महासचिव नसीम अहमद ने पिछले 1 वर्ष से जनपद शामली के वादकारियों को सस्ता व सुलभ न्याय मिलने की बात कही,उन्होंने कहा है कि कैराना में अधिवक्ताओं ने वादकारियाे न्यायालयों के प्रयास से सुलभ न्याय दिलाया है।
वही प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर अधिवक्ता मुनेंद्र सिंह, रवि वालिया, आरिफ चौधरी, मनोज पुंडीर, अफसर अली, नदीम अहमद, शालिनी कौशिक, आरिफ सिद्दीकी, संजय चौहान, दिनेश कुमार, अनिल कुमार, आदित्य चौहान, मीनू वर्मा, मुख्तियार हुसैन, चौधरी अशोक कुमार, ओम प्रकाश चौहान, करतार सिंह, श्रीमती पंकज मलिक, ब्रह्मपाल सिंह चौहान, इंतजार अहमद, आलोक चौहान, जयपाल सिंह, ईशपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, राजवीर सिंह, मोहम्मद आरिफ, शगुन मित्तल, कुलदीप कुमार, अमित शर्मा, धर्मवीर सिंह, मेहरबान अली, मुकेश चंद गर्ग, संजय भटनागर, संजय पूनिया, जावेद अली, आलोक शर्मा, ठाकुर जयप्रकाश सिंह, भगवान दास, हरदयाल सहित आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे।